शनिवार, 19 मार्च 2016

0 भारत माता की जय

|| ओ३म्  ||


आज एक अहम् और गंभीर विषय पर कलम उठा रहा हूँ।
मातृभूमि और जननी माता हमें जीवन एवं पोषण देती है।
अब हम अपनी जननी माता की जय उनका सम्मान क्या संविधान से पूछ कर लगाएंगे ?
क्योंकि संविधान में भारत माता की जय करना नहीं लिखा इसलिए क्या मातृभूमि की जय नहीं बोल सकते ?
ओवैसी जैसे कट्टरपंथी का बयान देना केवल अपनी राजनीती जमीन तैयार करना है और कठमुल्ले इसका फायदा उसे देंगे भी,
पर क्या एक राष्ट्र में ऐसे मातृविरोधी विचारो को पनपने देना चाहिए ?

सवाल बहुत है मित्रो पर इसका हल दिखाई नहीं दे रहा है, पता नहीं किस तरफ जा रहा है हमारा प्यारा भारत देश।
वेद का आदेश है मातृभूमि वंदननीय एवं आदरणीय है।
अब आप सब इसपर विचार करे आज की परिस्तिथि में हमारा कर्त्तव्य क्या हो।

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